Tuesday, October 6, 2009

OM GAM GANAPATAYE NAMAH

वक्रतुंडा महकाया सूर्य कोटि समप्रभा,
निर्विग्नम कुरुमे देवा सर्व कार्येशु सर्वदा !!!
श्रीम हरीम कलीम श्री महालाक्ष्मिये नमः
लाख्मिम क्षीर समुद्र रजा तनयम श्रीरंगा धमेस्वरीम I
दसिभूता समस्त देवावानिताम लोकैका दीपंकुरम
श्री मन्मंदा कताख्सा लब्धविभा ब्रह्मेन्द्र गांगाधाराम
त्वं त्रय्लोक्य कुतुम्बिनी सरसिजाम वंदे मुकुंद परियाम
सिध लक्ष्मी , मोक्ष लक्ष्मी , जाया लक्ष्मी , सरस्वती ,
श्री लक्ष्मीस्चा प्रसन्ना मामा सर्वदा II

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